Chandrayaan 4 Missions: इसरो का अगला टारगेट ‘चंद्रमा पर कदम’, चंद्रयान- 4 मिशन के विस्तार को कैबिनेट की मंजूरी

Chandrayaan 4 Missions: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्र ग्रह की कक्षा संबंधी अभियान, गगनयान और चंद्रयान-4 अभियान के विस्तार को मंजूरी दी है।

चंद्रयान 4 मिशन: कैबिनेट ने दिया मानव मिशन की दिशा में बड़ा कदम

केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में चंद्रयान मिशन को लेकर महत्वपूर्ण फैसले किए गए हैं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि चंद्रयान 4 मिशन का विस्तार किया गया है और इसका अगला चरण चंद्रमा पर मानव मिशन भेजने का है। बैठक में इस दिशा में सभी प्रारंभिक चरणों को मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही कैबिनेट ने वीनस ऑर्बिटर मिशन, गगनयान फॉलो-ऑन, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और नई पीढ़ी के लॉन्च वाहनों के विकास को भी हरी झंडी दी है।

वीनस ऑर्बिटर मिशन को कैबिनेट की मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्र ग्रह के वायुमंडल और भूविज्ञान की बेहतर समझ विकसित करने के उद्देश्य से वीनस ऑर्बिटर मिशन को मंजूरी दे दी है। इस मिशन से शुक्र के घने वातावरण से बड़ी मात्रा में वैज्ञानिक डेटा जुटाने की उम्मीद है, जो भविष्य के शोध में अहम भूमिका निभाएगा।

कैबिनेट की अंतरिक्ष मिशनों पर बड़ी मंजूरी

– केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारी वजन ले जाने में सक्षम अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यान को मंजूरी दे दी है, जो पृथ्वी की निचली कक्षा में 30 टन तक का पेलोड स्थापित कर सकेगा।

– चंद्रयान-4 अभियान को भी मंजूरी दी गई है, जिसका मुख्य उद्देश्य चंद्रमा से चट्टान और मिट्टी के नमूने एकत्र कर उन्हें पृथ्वी पर लाना है।

– इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने वीनस ऑर्बिटर मिशन और गगनयान चंद्रयान-4 अभियान के विस्तार को स्वीकृति प्रदान की है।

चंद्रयान-4 का लक्ष्य

-केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चंद्रयान-4 मिशन को भी हरी झंडी दे दी है। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर सुरक्षित रूप से उतारना और फिर से पृथ्वी पर वापस लाने के लिए आवश्यक तकनीकों का विकास करना है।

– इस मिशन के तहत वर्ष 2040 तक भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर भेजने और वहां से सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने की योजना है।

– चंद्रयान-4 अभियान के दौरान अंतरिक्ष केंद्र से यान को जोड़ने और अलग करने, चंद्रमा पर लैंडिंग, पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी, साथ ही चंद्रमा के नमूने एकत्र करने और उनका विश्लेषण करने जैसी प्रमुख प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया जाएगा।

चंद्रयान-4 अभियान के लिए 2100 करोड़ रुपये का बजट

चंद्रयान-4 अभियान की प्रौद्योगिकी को विकसित और प्रदर्शित करने के लिए लगभग 2100 करोड़ रुपये की धनराशि का अनुमान है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) इस अभियान के लिए अंतरिक्ष यान का विकास और प्रक्षेपण करेगा।

अभियान की सफलता के लिए उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों की भी भागीदारी होगी। इसके पूरा होने की समयावधि अनुमोदन मिलने के 36 महीने के भीतर रखी गई है।

सभी प्रमुख तकनीकों को स्वदेशी रूप से विकसित करने की योजना है, जिससे भारत अपनी अंतरिक्ष यात्रा की क्षमताओं को और अधिक मजबूत करेगा।

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