“BRICS सम्मेलन के लिए PM मोदी रूस रवाना, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हो सकती है मुलाकात”

BRICS: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर BRICS शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस के कज़ान शहर रवाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी BRICS शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 22-23 अक्टूबर के दो दिवसीय दौरे पर रूस के कज़ान शहर के लिए रवाना हो चुके हैं। इस BRICS सम्मेलन के अलावा, यह भी महत्वपूर्ण है कि पीएम मोदी किन देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार ने बताया कि पीएम मोदी BRICS सदस्य देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। आज तक को दिए विशेष साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में आर्थिक सहयोग, जलवायु परिवर्तन, और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी।

रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार ने बताया कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के साथ संभावित बैठकों पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है, लेकिन द्विपक्षीय वार्ताओं का एजेंडा तैयार किया जा रहा है। फिलहाल, पीएम मोदी की द्विपक्षीय बैठकें विचाराधीन हैं।

विनय कुमार ने कहा कि किन बैठकों को अंतिम रूप दिया जाएगा, इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। यह बैठक रूस-यूक्रेन के 20 महीने लंबे युद्ध और मिडिल ईस्ट में बढ़ते संघर्ष के बीच हो रही है। भारत और चीन ने एक दिन पहले ही वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपने सैनिकों को पीछे हटाने और पेट्रोलिंग शुरू करने का समझौता किया है। यह समझौता देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में पेट्रोलिंग को लेकर है, जिससे पीएम मोदी और शी जिनपिंग की संभावित वार्ता की उम्मीदें बढ़ गई हैं।

भारत की शांति प्रयासों पर बात करते हुए, विनय कुमार ने कहा कि भारत हमेशा शांति और कूटनीतिक समाधान के पक्ष में रहा है, और इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। रूस-यूक्रेन युद्ध में शामिल भारतीय नागरिकों के बारे में उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने कई बार राष्ट्रपति पुतिन से इस पर बातचीत की है, जिससे अधिकांश भारतीय नागरिकों को रिहा किया गया है। अब केवल 16-17 मामलों पर काम जारी है।

BRICS शिखर सम्मेलन में रूस, ब्राजील, चीन, मिस्र, इथियोपिया, सऊदी अरब और दक्षिण अफ्रीका सहित कई देशों को आमंत्रित किया गया है। 2006 में ब्राजील, रूस, भारत और चीन ने मिलकर BRIC की स्थापना की थी, जिसे 2010 में दक्षिण अफ्रीका के जुड़ने के बाद ‘BRICS’ नाम मिला। यह समूह वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक चौथाई हिस्सा है और इसे एक महत्वपूर्ण आर्थिक शक्ति के रूप में माना जाता है।

 

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