रातों की नींद उड़ गई और बाल झड़ने लगे है, तो हो सकती है शरीर मे कैल्शियम की कमी।
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Toggleकैल्शियम की कमी के संकेत और इसे पूरा करने के तरीके: जानें क्यों जरूरी है यह पोषक तत्व
हमारे शरीर को स्वस्थ रहने के लिए सभी पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, लेकिन बदलती जीवनशैली और गलत खानपान की वजह से अक्सर शरीर में न्यूट्रिएंट्स की कमी हो जाती है। इस स्थिति में शरीर हमें अलग-अलग संकेत देने लगता है, खासकर जब कैल्शियम की कमी होती है।
कैल्शियम क्यों है महत्वपूर्ण?
कैल्शियम हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाए रखने के लिए आवश्यक है। यह शरीर के चार प्रमुख इलेक्ट्रोलाइट्स में से एक है, जो मांसपेशियों के कार्यों, रक्त के थक्के बनने और हृदय की सेहत के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कैल्शियम के उचित अवशोषण के लिए विटामिन डी का सेवन भी जरूरी है, क्योंकि विटामिन डी शरीर में कैल्शियम को बेहतर तरीके से एब्जॉर्ब करता है।
कितनी मात्रा में चाहिए कैल्शियम?
19 से 70 वर्ष की आयु के वयस्कों को प्रतिदिन 1000 mcg कैल्शियम लेना चाहिए, जबकि महिलाओं को 1200 mcg की आवश्यकता होती है। शरीर का 99% कैल्शियम हड्डियों और दांतों में संग्रहीत रहता है, इसलिए इसकी कमी के लक्षणों को समझना बेहद आवश्यक है।
कैल्शियम की कमी के लक्षण:
मांसपेशियों में खिंचाव
हाथ, पैर, घुटने, जांघों में एक दर्द हर समय बने रहना। ध्यान न दिया जाए तो ये दर्द सामान्य गतिविधियों में भी होना शुरू हो जाता है जैसे वॉक करना, दौड़ लगाना आदि। हाथ पैर की उंगलियों में भी सुन्नपन के साथ झनझनाहट महसूस होने पर ये कैल्शियम की कमी के संकेत देता है।
गंभीर संकेत
कैल्शियम की अति कमी होने पर और स्थिति और भी अधिक गंभीर होने पर ओस्टियोपिनिया और ओस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
प्री मेंस्ट्रुअल संकेत
मूड स्विंग, क्रेविंग, पीरियड्स के पहले और बाद में तेज़ पेट दर्द, बदन दर्द, थकान जैसे पीएमएस के संकेत भी कैल्शियम की कमी की तरफ इशारा करते हैं।
इनसोम्निया
कैल्शियम की कमी से कभी कभी स्लीप पैटर्न भी प्रभावित होता है जिससे इनसोम्निया की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
फ्रैक्चर
कैल्शियम की कमी से हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं जिससे छोटी सी चोट में भी बोन फ्रैक्चर की संभावना अधिक होती है।
अन्य संकेत
खराब डेंटल हेल्थ, ड्राई और रूखी स्किन, बेजान बाल, बालों का झड़ना, कमज़ोर नाखून, नाखून का धीमा विकास।
समय रहते इस संकेतों को समझ लेना व इसके निवारण के लिए कदम उठाना बेहद हैं जरूरी नहीं तो करना पड़ सकता है बड़ी बीमारी का सामना। स्वस्थ रहे, खुश रहे।