IIM रांची ने अपने पाठ्यक्रम में शामिल किया “साइंस ऑफ हैप्पीनेस” नाम का एक नया कोर्स, स्टूडेंट्स के मेंटल हेल्थ को ध्यान में रखते हुए उठाया गया ये कदम जो स्टूडेंट्स के मानसिक स्वास्थ्य को बनाएगा बेहतर।
आईआईएम रांची नया कोर्स: आईआईएम रांची के छात्रों के लिए खुशखबरी है कि अब वे अपनी पढ़ाई के साथ-साथ खुशी का विज्ञान, यानि “साइंस ऑफ हैप्पीनेस” भी सीखेंगे। यह खास कोर्स छात्रों को सकारात्मक भावनाओं और बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के बारे में सिखाएगा। इसका उद्देश्य छात्रों को सकारात्मक भावनाओं से लैस करना है। अक्सर ऐसा देखा गया है कि छात्र इस भाग-दौड़ भरी दुनिया में आगे बढ़ने की होड़ में लग जाते हैं, जिससे वे अपनी मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। ऐसे में यह कोर्स छात्रों के लिए काफी लाभकारी साबित हो सकता है।
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Toggleभारत के किन कॉलेजों में पढ़ाया जाता है साइंस ऑफ हैप्पीनेस?
भारत मे अब तक दिल्ली यूनिवर्सिटी, आईआईटी खड़गपुर, आईआईएम लखनऊ, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ तमिल नाडु सहित अन्य कुछ प्रसिद्ध कॉलेजों ने इस कोर्स को अपने पाठ्यक्रम मे लॉन्च किया है और इसे सभी बच्चों के करिकुलम में एक कंपलसरी कोर्स के रूप में शामिल किया है, भारत ही नहीं बल्कि विश्व के भी कई मशहूर विश्वविद्यालयों ने इस कोर्स को अपने सिलेबस में शामिल किया है और अब यह कोर्स आईआईएम रांची में भी शामिल किया जा रहा है।
कब और कहां हुई साइंस ऑफ हैप्पीनेस की शुरुआत?
साइंस ऑफ हैप्पीनेस कोर्स की शुरुआत सबसे पहले साल 2019 में इंग्लैंड के यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल में हुई थी। इसके अलावा ऑक्सफोर्ड, हार्वर्ड सहित विश्व के कई प्रमुख विश्वविद्यालय में यह कोर्स अब शामिल है। यह कोर्स बच्चों के मानसिक विकास मे काफी मदद करता हैं व उनके जीवन को एक सही दिशा तलाशने मे मदद करता है।