दिल्ली के मुख्यमंत्री को मिली बड़ी राहत, 177 दिनों के बाद मिला जमानत

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 177 दिनों के बाद जमानत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ उन्हें जमानत दी है और उनकी रिहाई 10 लाख रुपये के जमानत राशि पर हुई हैं। दिल्ली शराब नीति मामले में सीएम केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से 177 दिनों बाद जमानत मिली है और उनका रिलीज ऑर्डर जारी हो चुका है। कुछ ही देर में उनकी रिहाई हो जाएगी। उनकी पत्नी सुनीता केजरिवाल तिहाड़ जेल पहुंच चुकी हैं। वहीं, सीएम केजरीवाल की रिहाई से आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर मची हुई है और वे पटाखे फोड़कर ज़ोर शोर से जश्न मना रहे हैं। बता दे की अरविंद केजरीवाल को कुछ शर्तों के साथ जमानत दी गई है। शर्ते यह है की जमानत के दौरान वे न तो अपने दफ्तर जा सकेंगे और न ही किसी फाइल पर हस्ताक्षर कर पाएंगे। उन्हें ट्रायल के दौरान कोर्ट में पेश भी होना पड़ेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया

सीबीआई द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में अपनी गिरफ्तारी और जमानत से इनकार को चुनौती देते हुए अरविंद केजरीवाल ने दो अलग-अलग याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की थीं। इसी पर आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया हैं। कोर्ट ने बचाव पक्ष के वकीलों की उस मांग को भी माना कि केजरीवाल की जल्दी रिहाई के लिए विशेष कर्मचारी के माध्यम से रिहाई आदेश भेजा जाए। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुइयां की पीठ ने केजरीवाल को 10 लाख रुपये के मुचलके और दो जमानत राशियों पर जमानत दी है।

सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार किया था और वे तब से लेकर अब तक जेल में थे। उन्हें लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए 10 मई को अंतरिम जमानत दी गई थी और 2 जून को आत्मसमर्पण करने के बाद से वह फिर से जेल में हैं। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को मामले के बारे में कोई सार्वजनिक टिप्पणी न करने का आदेश दिया हैं और कहा हैं कि ईडी द्वारा लगाए गए नियम और शर्तें इस मामले में भी लागू होंगी। हालांकि, सीबीआई की गिरफ्तारी पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुइयां की राय अलग थी। जस्टिस सूर्यकांत ने सीबीआई की गिरफ्तारी को सही ठहराया।

कोर्ट ने क्या शर्तें रखी केजरिवाल के सामने 

  • सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत देते समय कई शर्तें रखी हैं।
  • जमानत के दौरान अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय नहीं जा सकेंगे।
  • वे किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं कर सकेंगे।
  • सीएम केजरीवाल मामले के बारे में कोई सार्वजनिक बयान नहीं देंगे।
  • वे किसी भी प्रकार से केस को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे।

 जानिए आबकारी नीति मामले का पूरा घटनाक्रम

दिल्ली सरकार ने नवंबर 2021 मे  नई आबकारी नीति पेश की। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने जुलाई 2022 में नीति बनाने और लागू करने में कथित अनियमितताओं के मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। फिर सीबीआई और ईडी ने सिफारिस के एक महीने बाद कथित अनियमितताओं को लेकर मामले दर्ज किए।
दिल्ली सरकार ने सितमबर 2022 में आबकारी नीति को रद्द कर दिया। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीएम केजरीवाल को अक्टूबर 2023 से मार्च 2024 तक  नौ समन जारी किए थे। 21 मार्च 2024 को  दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें जारी किए गए समन को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान करने से इनकार कर दिया था।  इसके तुरंत बाद ईडी ने केजरिवाल को अपने हिरासत मे ले लिया।
सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए एक जून तक अंतरिम जमानत दी थी और कहा कि उन्हें दो जून को आत्मसमर्पण करना होगा और वापस जेल जाना होगा। निचली अदालत ने केजरीवाल को 20 जून को नियमित जमानत दी थी। हाई कोर्ट ने 25 जून को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में निचली अदालत की ओर से केजरीवाल को दी गई जमानत पर रोक लगा दी। CBI ने आबकारी नीति से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में केजरीवाल को 26 जून को औपचारिक रूप से जेल से गिरफ्तार किया। सुप्रीम कोर्ट ने कथित आबकारी नीति घोटाले में ईडी की ओर से दर्ज मनी लॉउंड्रिंग मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी। लेकिन कहा गया कि सीबीआई मामले में वह जेल में ही रहेंगे। फिर केजरीवाल ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई की गिरफ्तारी को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी। परंतु दिल्ली हाई कोर्ट ने भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई की गिरफ्तारी को बरकरार रखा।
केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ 12 अगस्त को  सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया। फिर 5 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा। 11 सितंबर को  दिल्ली की अदालत ने आबकारी घोटाला मामले में केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 25 सितंबर तक बढ़ा दी। परंतु आज 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को शर्तों के साथ जमानत देते हुए कहा कि लंबे समय तक जेल में रखना स्वतंत्रता से अन्यायपूर्ण तरीके से वंचित रखना है। तो आखिर केजरिवाल को मिली बरी राहत, 177 दिनों के बाद मिल जमानत। आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओ मे खुशी का पल। उनकी पत्नी के लिए भी यह बेहद ही खुशी भर पल है।

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