Knight Frank Report: देश के प्रमुख प्रॉपर्टी कंसलटेंट, नाइट फ्रैंक इंडिया के अनुसार, 100,000 वर्ग फुट से अधिक के ऑफिस स्पेस की मांग फिर से बढ़ने लगी है। कैलेंडर वर्ष 2024 (H1 2024) की पहली छमाही में ऐसे ऑफिस स्पेस की मांग में 54% की वार्षिक वृद्धि देखी गई है। H1 2023 में यह 10.18 मिलियन वर्ग फुट थी, जो H1 2024 में बढ़कर 15.69 मिलियन वर्ग फुट पर पहुंच गई है।
मुंबई: कोरोना के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से विस्तार हो रहा है, और इसी कारण बड़े ऑफिस स्पेस की मांग लगातार बढ़ रही है। यहां बड़े ऑफिस स्पेस का मतलब 10,000 वर्ग फुट या उससे अधिक के ऑफिस से है। इस साल की पहली छमाही, यानी जनवरी से जून के बीच, बड़े ऑफिस स्पेस के लिए लेन-देन की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। इसका संकेत है कि कंपनियों को बड़े ऑफिस स्पेस से बेहतर रिटर्न मिल रहा है, जो विस्तृत कार्यस्थलों की बढ़ती प्राथमिकता को दर्शाता है।
कॉमर्शियल रियल एस्टेट में बड़े ऑफिस स्पेस की बढ़ती हिस्सेदारी
इंटरनेशनल प्रॉपर्टी कंसलटेंसी नाइट फ्रैंक (Knight Frank) के अनुसार, इस वर्ष की पहली छमाही में देश के आठ प्रमुख शहरों में कुल वाणिज्यिक रियल एस्टेट लेन-देन में से लगभग आधे ऑफिस स्पेस 100,000 वर्ग फुट या उससे बड़े थे। कैलेंडर वर्ष 2024 की पहली छमाही में ऐसे ऑफिस स्पेस के सौदों में 54% की वार्षिक वृद्धि देखी गई, जिससे कुल 15.69 मिलियन वर्ग फुट का लेन-देन हुआ। आंकड़ों से स्पष्ट है कि इन सौदों ने कुल वाणिज्यिक लेन-देन में 45% का योगदान दिया।
बेंगलुरु: नंबर एक
इस अवधि के दौरान बेंगलुरु के वाणिज्यिक बाजार में इस सेगमेंट में लीजिंग का वर्चस्व बना रहा, जिसने शहर के कुल ऑफिस लेन-देन वॉल्यूम में 53% का योगदान दिया। यह 4.5 मिलियन वर्ग फुट था, जो एक साल पहले की तुलना में 32% अधिक है। नाइट फ्रैंक इंडिया के सीएमडी शिशिर बैजल के अनुसार, ‘बेंगलुरु बड़े व्यवसायियों के लिए, जो अपने भारतीय परिचालन का विस्तार करना चाहते हैं, सबसे आकर्षक ऑफिस मार्केट बना हुआ है। कार्यालय स्थान के लेन-देन में वृद्धि मुख्यतः निगमों द्वारा अपने दीर्घकालिक संचालन का विस्तार करने के लिए वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) स्थापित करने से प्रेरित है। लचीले कार्यस्थल महत्वपूर्ण बने हुए हैं, जो तृतीय-पक्ष आईटी सेवाओं और स्टार्टअप्स के लिए अनुकूलनशीलता और लागत बचत प्रदान करते हैं।
दूसरे और तीसरे नंबर पर कौन
रिपोर्ट के अनुसार, हैदराबाद और मुंबई क्रमशः 3.08 मिलियन वर्ग फुट और 2.66 मिलियन वर्ग फुट के साथ बड़े ऑफिस स्पेस के लेन-देन में दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। मिड सेगमेंट, यानी 50,000 से 100,000 वर्ग फुट के बीच के ऑफिस स्पेस में कुल 7.28 मिलियन वर्ग फुट का पट्टा दर्ज किया गया, जो 70% की वृद्धि दर्शाता है। मुंबई और एनसीआर में मिड-ऑफिस स्पेस सेगमेंट में सबसे अधिक लेन-देन 1.57 मिलियन वर्ग फुट के साथ हुआ, जबकि हैदराबाद में यह आंकड़ा 1.29 मिलियन वर्ग फुट रहा।