शिक्षण का पेशा न सिर्फ अच्छी आय देता है, बल्कि समाज के निर्माण और मानवता की भलाई में योगदान करने का अवसर भी प्रदान करता है। अगर आप शिक्षक के रूप में करियर बनाने की सोच रहे हैं, तो सरकारी स्कूलों में जॉब पाने के लिए आवश्यक परीक्षाओं के बारे में जानें।
भारत में शिक्षक का करियर सबसे प्रतिष्ठित और सम्मानजनक विकल्पों में से एक है। भारतीय समाज में शिक्षक छात्रों के लिए एक आदर्श माने जाते हैं। यह क्षेत्र काफी व्यापक है, जहां नर्सरी से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक नौकरी के बेहतरीन अवसर मौजूद हैं। देश में बड़ी संख्या में युवा शिक्षण को करियर के रूप में चुनते हैं और सरकारी स्कूल या विश्वविद्यालय में शिक्षक की नौकरी पाने के लिए तैयारी करते हैं। अगर आप भी गवर्नमेंट टीचर बनना चाहते हैं, तो इसके लिए आवश्यक परीक्षाओं के बारे में जानें।
सरकारी स्कूल में शिक्षक बनने के लिए आवश्यक परीक्षाएं
सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (CTET): केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय और अन्य सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा आयोजित सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (CTET) पास करना जरूरी है। इस परीक्षा के लिए पात्रता कुछ इस प्रकार है: 12वीं के साथ दो वर्षीय प्राथमिक शिक्षा में डिप्लोमा या 12वीं के साथ चार वर्षीय बैचलर ऑफ एलिमेंट्री एजुकेशन या न्यूनतम 50% अंकों के साथ स्नातक और बीएड डिग्री धारक इस परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए CTET की आधिकारिक वेबसाइट https://ctet.nic.in पर जाएं।
टीजीटी और पीजीटी: राज्य स्तर पर आयोजित की जाने वाली परीक्षाएं, जैसे कि टीजीटी (Trained Graduate Teacher) और पीजीटी (Post Graduate Teacher), भी सरकारी शिक्षक बनने का एक प्रमुख जरिया हैं। टीजीटी के लिए स्नातक और बीएड, जबकि पीजीटी के लिए पोस्ट ग्रेजुएशन और बीएड की डिग्री आवश्यक है। टीजीटी पास शिक्षक कक्षा 6 से 10 तक पढ़ाते हैं, जबकि पीजीटी शिक्षक सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी छात्रों को पढ़ाते हैं।
टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET): कई राज्यों में बीएड के बाद शिक्षक बनने के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य है। इस परीक्षा को पास करने पर एक निश्चित अवधि के लिए सर्टिफिकेट मिलता है, जो सरकारी स्कूलों में शिक्षक की नौकरी के लिए आवेदन करने के लिए आवश्यक होता है।