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सोमवार रात पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों के बीच लगभग दो घंटे लंबी बैठक खत्म हो गई। दोनों पक्षों ने बैठक के विवरण को अंतिम रूप दिया। डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल शाम 6.20 बजे महत्वपूर्ण वार्ता के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कालीघाट स्थित आवास पर पहुंचा। इस बैठक में जूनियर डॉक्टरों ने सरकार के सामने अपनी पांच प्रमुख मांगें रखी हैं।
चार असफल प्रयासों के बाद, आखिरकार सोमवार शाम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और जूनियर डॉक्टरों के बीच आरजी कर कांड को लेकर महत्वपूर्ण बैठक हुई। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के घर पर यह बैठक दो घंटे से अधिक समय तक चली, जिसमें जूनियर डॉक्टरों ने अपनी पांच प्रमुख मांगें रखीं। हालांकि बैठक के निष्कर्षों का अभी तक खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार मंगलवार को इस संदर्भ में कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं कर सकती है।
बैठक का सीधा प्रसारण
गौरतलब है कि बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत ने सोमवार सुबह 11:56 बजे वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट को ईमेल भेजकर एक बार फिर से मुख्यमंत्री के कालीघाट स्थित घर पर शाम पांच बजे बैठक के लिए आने का अनुरोध किया था। मुख्य सचिव की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया था कि बैठक का सीधा प्रसारण या वीडियो रिकॉर्डिंग नहीं होगी, हालांकि बैठक के मिनट्स (विवरण) रिकॉर्ड करने पर सरकार सहमत हो गई थी।
रात 8.45 पर खत्म हुई बैठक
इसके बाद जूनियर डॉक्टरों ने बैठक में शामिल होने का निर्णय लिया और 48 घंटे के अंदर एक बार फिर शाम 6.16 बजे उनका 35 सदस्यीय प्रतिनिधदल मुख्यमंत्री के घर पहुंचा। वे अपने साथ मिनट्स को रिकॉर्ड करने के लिए दो स्टेनोग्राफर भी ले गए थे। शाम 6.40 बजे बैठक शुरू हुई और रात 8.45 बजे खत्म हुई।
जूनियर डॉक्टर गुरुवार को राज्य सचिवालय व गत शनिवार को मुख्यमंत्री के घर के दरवाजे से बैठक किए बिना लौट गए थे। राज्य सचिवालय में होने वाली बैठक का जूनियर डॉक्टर सीधा प्रसारण चाहते थे। सरकार के इनकार करने पर वे बैठक में शामिल नहीं हुए थे। उसके बाद शनिवार को ममता अचानक उनके धरना मंच पर पहुंची थीं और बातचीत के टेबल पर आने का अनुरोध किया था, जिसके बाद जूनियर डॉक्टर उसी शाम मुख्यमंत्री के घर पहुंचे थे।
बिना शर्त के बातचीत
जूनियर डॉक्टरों ने शनिवार को बैठक के सीधे प्रसारण, वीडियो रिकॉर्डिंग और मिनट्स रिकॉर्ड करने की शर्त रखी थी, लेकिन बाद में वे बिना किसी शर्त के बातचीत के लिए राजी हो गए। इस प्रक्रिया में लगभग तीन घंटे लग गए, जिसके बाद वहां मौजूद स्वास्थ्य राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने उन्हें वापस जाने के लिए कह दिया था।
ये हैं जूनियर डॉक्टरों की पांच बड़ी मांगें
- आरजी कर कांड के दोषियों को जल्द से जल्द और कड़ी सजा
- आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ सख्त कार्रवाई और स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य निदेशक एवं स्वास्थ्य व चिकित्सा निदेशक को पद से हटाना
- कोलकाता पुलिस आयुक्त को पद से हटाना व कोलकाता पुलिस के डीसी (नार्थ) व डीसी सेंट्रल के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई
- सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करना
- सरकारी अस्पतालों में धमकी की संस्कृति को खत्म करना