Mahaveer Bhagwan ki Aarti : जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की आज जयंती है। उनका जन्म लगभग 599 ईसा पूर्व बिहार के वैशाली में हुआ था। आज भगवान महावीर की जयंती हैं। इस दिन उनकी आरती करने का मतलब है उनका सम्मान करना। यहां पढ़ें भगवान महावीर की आरती विस्तार से ..
भगवान महावीर ने सत्य, अहिंसा, अस्तेय, अपरिग्रह जैसे सिद्धांतों का प्रचार किया है। वह जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर थे। उनका जन्म लगभग 599 ईसा पूर्व में बिहार के राज्य वैशाली में हुआ था। बताया जाता है कि चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन उनका जन्म हुआ था। उनके पिता थे राजा सिद्धार्थ और माता का नाम था त्रिशला देवी। भगवान महावीर को वर्धमान नाम से भी जाना जाता है। महावीर स्वामी ने 30 वर्ष की आयु में सांसारिक जीवन त्याग कर दीक्षा ली और कठोर तपस्या के बाद 12 वर्षों तक ध्यान साधना में लीन रहे। आज भगवान महावीरजी की जयंती है। महावीर जयंती के दिन उनकी आरती जरुर पढ़नी चाहिए। आरती करने का मतलब है कि उनकी शिक्षाओं का पालन करना और उनका सम्मान करना है। यहां पढ़ें महावीर जी की आरती…
महावीर जी की आरती (Mahaveer jayanti Aarti)
ओम जय महावीर प्रभु,
स्वामी जय महावीर प्रभु ।
कुण्डलपुर अवतारी,
चांदनपुर अवतारी,
त्रिशलानंद विभु ॥
सिध्धारथ घर जन्मे,
वैभव था भारी ।
बाल ब्रह्मचारी व्रत,
पाल्यो तप धारी ॥
ओम जय महावीर प्रभु…
आतम ज्ञान विरागी,
सम दृष्टि धारी ।
माया मोह विनाशक,
ज्ञान ज्योति जारी ॥
ओम जय महावीर प्रभु…॥
जग में पाठ अहिंसा,
आप ही विस्तारयो ।
हिंसा पाप मिटा कर,
सुधर्म परिचारियो ॥
ओम जय महावीर प्रभु…॥
अमर चंद को सपना,
तुमने परभू दीना ।
मंदिर तीन शेखर का,
निर्मित है कीना ॥
ओम जय महावीर प्रभु…
जयपुर नृप भी तेरे,
अतिशय के सेवी ।
एक ग्राम तिन्ह दीनो,
सेवा हित यह भी ॥
ओम जय महावीर प्रभु…
जल में भिन्न कमल जो,
घर में बाल यति ।
राज पाठ सब त्यागे,
ममता मोह हती ॥
ओम जय महावीर प्रभु…
भूमंडल चांदनपुर,
मंदिर मध्य लसे ।
शांत जिनिश्वर मूरत,
दर्शन पाप लसे ॥
ओम जय महावीर प्रभु…
जो कोई तेरे दर पर,
इच्छा कर आवे ।
धन सुत्त सब कुछ पावे,
संकट मिट जावे ॥
ओम जय महावीर प्रभु…
निशदिन प्रभु मंदिर में,
जगमग ज्योत जरे ।
हम सेवक चरणों में,
आनंद मूंद भरे ॥
ओम जय महावीर प्रभु…
ओम जय महावीर प्रभु,
स्वामी जय महावीर प्रभु ।
कुण्डलपुर अवतारी,
चांदनपुर अवतारी,
त्रिशलानंद विभु ॥
ओम जय महावीर प्रभु…