शाहरुख खान पर्दे पर जितने रोमांटिक नजर आते हैं, उतने ही असल जिंदगी में भी हैं। वह अपनी पत्नी गौरी खान से बेइंतहा मोहब्बत करते हैं। वहीं गौरी भी शाहरुख को बेस्ट हसबैंड मानती हैं। प्यार में डूबे हुए इस जोड़े की लव स्टोरी आखिर कैसे शुरू हुई, जानिए?
शाहरुख खान और गौरी की प्रेम कहानी एक खूबसूरत सफर है, जो दिल्ली से शुरू हुआ। दोनों की पहली मुलाकात एक पार्टी में हुई थी, जहां शाहरुख ने गौरी को पहली नजर में ही पसंद कर लिया। लेकिन गौरी ने शुरुआत में उन्हें नजरअंदाज कर दिया। यह एक ऐसे समय की कहानी है जब शाहरुख केवल एक युवा थे, जो अपने करियर के शुरुआती दिनों में थे।
गौरी के प्रति शाहरुख का प्यार धीरे-धीरे बढ़ा। उन्होंने गौरी को मनाने के लिए काफी प्रयास किए। दोनों के बीच दोस्ती की नींव रखी गई, और यह दोस्ती जल्द ही प्यार में बदल गई। लेकिन इस प्यार की राह आसान नहीं थी। गौरी के परिवार ने इस रिश्ते को मंजूर नहीं किया, क्योंकि वे एक अलग समुदाय से थे।
शाहरुख ने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने गौरी के परिवार को मनाने का पूरा प्रयास किया और कई बार उनके घर जाकर गौरी से मिलने की कोशिश की। समय के साथ, गौरी के परिवार ने भी इस रिश्ते को स्वीकार करना शुरू किया। शाहरुख की दृढ़ता और प्यार ने सब कुछ संभव बना दिया।
1991 में, 25 अक्टूबर को, उन्होंने शादी कर ली। यह शादी सिर्फ दो व्यक्तियों का मिलन नहीं थी, बल्कि दो परिवारों का भी एक दूसरे के साथ जुड़ना था। उनके विवाह के बाद, शाहरुख का करियर तेजी से आगे बढ़ा, और वह भारतीय सिनेमा के बादशाह बन गए।
गौरी ने हमेशा शाहरुख का समर्थन किया, और दोनों ने एक दूसरे का हाथ थामे कई मुश्किलों का सामना किया। उनके तीन बच्चे हैं, जो उनके जीवन में खुशियाँ भरते हैं।
आज, 25 अक्टूबर को, उनकी शादी की सालगिरह है। यह एक यादगार दिन है, जो उनके प्यार और संघर्ष की कहानी को दर्शाता है। उनका रिश्ता आज भी उतना ही मजबूत है, जितना पहले था। यह कहानी न केवल उनके प्यार की है, बल्कि विश्वास, समर्थन और समझ की भी है।
शाहरुख और गौरी की प्रेम कहानी यह साबित करती है कि सच्चा प्यार हर मुश्किल को पार कर सकता है और एक मजबूत बंधन बना सकता है।
शाहरुख और गौरी की शादी की खुशहाली का राज उनके आपसी सम्मान और समझ में निहित है। दोनों एक-दूसरे की पसंद और नापसंद का ख्याल रखते हैं। शाहरुख का यह कहना कि वह काम से थके हुए भी परिवार के लिए समय निकालते हैं, यह दर्शाता है कि वे अपने रिश्ते को प्राथमिकता देते हैं।
गौरी भी अक्सर कहती हैं कि वे एक-दूसरे के साथ खुलकर संवाद करते हैं और एक-दूसरे की भावनाओं को समझते हैं। इसके अलावा, वे अपने बच्चों के साथ भी समय बिताना पसंद करते हैं, जिससे परिवार का बंधन मजबूत होता है। यह सामंजस्य और सहयोग ही उनके लंबे और खुशहाल विवाह का मुख्य आधार है।