स्मोकिंग सेहत के लिए बेहद हानिकारक होती है, इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट हमेशा इसे छोड़ने या इससे दूर रहने की सलाह देते हैं। धूम्रपान से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। हाल ही में लांसेट की एक नई स्टडी सामने आई है, जिसमें खुलासा हुआ है कि स्मोकिंग कम करने से व्यक्ति की उम्र बढ़ सकती है।
स्मोकिंग कई तरह से सेहत को नुकसान पहुंचाती है, खासकर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ाने के साथ-साथ अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को भी जन्म देती है। इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट्स हमेशा स्मोकिंग छोड़ने की सलाह देते हैं। इसी बीच, एक नई स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस स्टडी के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति अपनी धूम्रपान की आदत को नियंत्रित करता है, तो उसकी उम्र में एक साल तक का इजाफा हो सकता है। आइए, जानते हैं इस स्टडी के बारे में विस्तार से।
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Toggleताजा स्टडी क्या कहती है?
द लांसेट पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक ताजा स्टडी के अनुसार, 2050 तक ग्लोबल स्मोकिंग रेट को कम करने से पुरुषों और महिलाओं की औसत उम्र में इजाफा हो सकता है। स्टडी में बताया गया कि अगर स्मोकिंग की दर में सिर्फ 5% की कमी लाई जाए, तो पुरुषों की औसत उम्र एक साल और महिलाओं की औसत उम्र 0.2 वर्ष बढ़ सकती है। इस शोध के अनुसार, हर व्यक्ति के लिए अपनी धूम्रपान की आदत को कम करना जरूरी है, ताकि उनकी उम्र में वृद्धि हो सके।
स्टडी में क्या सामने आया?
स्टडी में यह भी खुलासा हुआ कि सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने से साल 2095 तक 185 देशों में फेफड़ों के कैंसर से होने वाली 1.2 मिलियन मौतों को रोका जा सकता है। इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन के सीनियर राइटर, स्टीन एमिल वोल्सेट ने कहा, “हमें वैश्विक स्तर पर धूम्रपान को कम करने और अंततः इसे खत्म करने के प्रयासों को जारी रखना होगा। हमारे निष्कर्ष दिखाते हैं कि धूम्रपान खत्म कर लाखों समय से पहले होने वाली मौतों से बचा जा सकता है।”
कैसे हानिकारक हो सकती है स्मोकिंग?
स्मोकिंग के कई सारे नुकसान है, आएय जानते है:
- मिसकैरिज होने की संभावना
- टाइप 2 डायबिटीज
- इरेक्टाइल डिस्फंक्शन
- फर्टिलिटी संबंधी समस्याएं
- समय से पहले बुढ़ापा आना
- रूमेटोइड आर्थरीइटिस (आरए) और अन्य ऑटोइम्यून डिजीज।
- टीबी, फेफड़ों की बीमारी, जिसमें सीओपीडी, अस्थमा और पल्मोनरी फाइब्रोसिस शामिल हैं।
- हार्ट और वेस्कुलर डिजीज, जिनसे दिल का दौरा, स्ट्रोक या हार्ट फेलियर हो सकता है।
- आई डिजीज, जिसमें मोतियाबिंद, मेकुलर डिजनरेशन, विजन लॉस और अंधापन शामिल है।
- जन्म से जुड़ी समस्याएं, जिनमें गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने वाले लोगों के जन्मे बच्चों का जन्म के समय कम वजन और जन्म से जुड़े डिसऑर्डर (जन्म दोष) शामिल हैं।